तेरे बिना दिन मेरा नहीं बुझता,
तेरे बिना रात नहीं जलती।
एक लम्हा लगे गुजर गयी सदियां,
तेरे बिना ये साँसे भी नहीं चलती।
-आस्था गंगवार ©
KUCH RANG ZINDAGI KE With astha gangwar
भावनाओ और अनुभवो की माला को शब्दो के मोती से पिरोती हूँ, जिन्दगी के कुछ पन्नो को कागज पर उकेर देती हूँ।कुछ बातें जिन्हें कह नहीं सकती उन्हें एक नया रूप देती हूँ, ऐसी ही किसी गहरी सोच के साथ एक नयी कविता लिख देती हूँ।
Waa kya bat 👍
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शुक्रिया 😊
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क्या बात है बहुत उम्दा आस्था जी
यही मुहब्बत का फलसफां है’सागर,
हो इश्क तो सर चढ़ बोलता है.!
किसी के इंतज़ार में तड़पता हर पल,
मिल जाए ठीक वरना रोता है.!!
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धन्यवाद 😊 सुंदर पंक्तियां
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सवागत है ,
शुक्रिया आस्था जी
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Kya baat aastha !!
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Bahut sukriya apka 🙏
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