तू न होता तो……. 

मैं थोङी-थोङी हर रोज बिखरती जा रही थी

तू न होता तो अब तक जीना भूल जाती 

मैं पलको के पीछे आँसुओ को छुपा रही थी 

तू न होता तो शायद मुस्कुरा नहीं पाती 

मैं नकाब के जैसे चेहरे पर चेहरा लगा रही थी 

तू न होता तो खुद से खुद को मिला नहीं पाती 

मैं अँधेरो में खोयी राहगीर बनी जा रही थी 

तू न होता तो जिन्दगी में रोशनी नहीं आती 

मैं तन्हाइयों की उदासीनता में खोती जा रही थी 

तू न होता तो रंगो का मतलब नहीं समझ पाती 

मैं दिल के तले अपनी ख्वाहिशो को दबा रही थी 

तू न होता तो फिर से कोई आरजू जिंदा नहीं हो पाती 

मैं हर शख्स को यहाँ झूठा समझती जा रही थी 

तू न होता तो चाहत पर कभी ऐतबार नहीं कर पाती 

मैं बीते कल को अपनी तकदीर बनाती जा रही थी 

तू न होता तो लिखा पन्ना कभी कोरा नहीं कर पाती। 

    –  आस्था गंगवार 

Astha gangwar द्वारा प्रकाशित

its me astha gangwar . I m founder of this blog. I love to write poems... I m a student of msc to chemical science.... read my poems on facebook - https://www.facebook.com/asthagangwarpoetries/ follow me on - I'm on Instagram as @aastha_gangwar_writing_soul

17 विचार “तू न होता तो……. &rdquo पर;

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