कोई तो होगा मेरी जिन्दगी में ऐसा कभी जो मुझे जीना सिखाएगा
जिन्दगी की हर टेढी मेङी डगर पर दूर तक साथ निभाएगा
किसी चोट से मैं बिखरूंगी कभी तो दर्द उसको सताएगा
मेरी मुस्कुराहट के लिए खुदा से भी वो लङ जाएगा
अपनी हर खुशी से पहले मेरी खुशी को ढूँढ के लाएगा
कोई तो होगा मेरी जिन्दगी में ऐसा कभी जो मुझे जीना सिखाएगा
मेरा हमसफर बनके अँधेरे में भी हमसाया बन जाएगा
जलते दिये जैसे खुद जलेगा पर मेरे दिल के आशियाने मे रोशनी लाएगा
फूल बनके महकेगी जिन्दगी रास्ते से हर कांटे को हटाएगा
गम की बारिश होगी कभी तो उसके साथ का छाता भीगने से बचाएगा
कोई तो होगा मेरी जिन्दगी में ऐसा कभी जो मुझे जीना सिखाएगा।
-आस्था गंगवार
बहुत ही खूबसूरत लिखा है।
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Sukriya gaurav
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सुँदर कोई तो होगा मेरी ज़िंदगी में ।..
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कल्पनाओं का साकार चित्रण हुआ है
कोई तो होगा मेरी जिंदगी में
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धन्यवाद 😊
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superb poem
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Thank you
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