वक्त हवाओ सा गुजर रहा है,
और हम अब भी वहीं ठहरे हैं।
-आस्था गंगवार ©
KUCH RANG ZINDAGI KE With astha gangwar
भावनाओ और अनुभवो की माला को शब्दो के मोती से पिरोती हूँ, जिन्दगी के कुछ पन्नो को कागज पर उकेर देती हूँ।कुछ बातें जिन्हें कह नहीं सकती उन्हें एक नया रूप देती हूँ, ऐसी ही किसी गहरी सोच के साथ एक नयी कविता लिख देती हूँ।
bahut khub Astha ji
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Dhanyabad
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bahut khub……jahaa aap chhod gaye hain….intejaar …..intejaar….sirf intejaar.
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Sukriya
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Shayari ki yahi ada sbse juda hoti hai ki kuch alfazon ke sahare woh bade bade raaz khol jati hai aur samjhne wala kuch alfazon mein apni puri zindagi dekh sakta hai..
Bhaut khoob likha aapne
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Sukriya apka 🙏
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जोरदार!
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धन्यवाद 🙏
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Bahut khoob
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Sukriya
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क्या कहने
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🙏
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आप तो लाजवाब लिखती है . कमाल करती है. वाह दिल को छू जाते है
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