कभी ये शाम ढलती है। 

कभी ये शाम ढलती है 

कभी ये रात होती है 

तेरी इन दिलकश नजरों से 

जब मेरी मुलाकात होती है। 


कभी सावन बरसता है 

कभी पतझङ सा झरता है 

मेरे दिल की धड़कनों से 

जब तेरी बात होती है। 


हवायें गीत गाती है 

ये कलियाँ मुस्कुराती है 

भ्रमर भी गुनगुनाना है 

जब मन में बरसात होती है। 


फूल खुश्बू बिखेरते है 

पंछी संदेश लाते है 

तेरा दीवाना आयेगा 

जब ऐसी उम्मीद होती है। 

     -आस्था गंगवार © 

Astha gangwar द्वारा प्रकाशित

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