तुम करते रहो शिकायत,
मैं सब कुछ सुन लूंगी।
दर्द छुपा के दिल में ही,
आँसुओ के घूंट पी लूंगी।
कोई हाल पूछे न पूछे,
सब हँसकर अकेले सह लूंगी।
बिखरते अपनो को देख लिया,
अब हर तकलीफ से लङ लूंगी।
सफर तन्हा हो या हसीन,
अकेले ही तय कर लूंगी।
धूप में चलूंगी भी तो,
अपने ही साये से दोस्ती कर लूंगी।
जिन्दगी तू और गम दे,
खुद को तेरे ही रंग में रंग लूंगी।
-आस्था गंगवार ©
जज़्बे को सलाम
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धन्यवाद
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बहुत बहुत अच्छा
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धन्यवाद आपका 😊
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Nyc
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Thank you
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‘जिन्दगी तू और गम दे,
खुद को तेरे ही रंग में रंग लूंगी। ‘
👌👌👌
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😃धन्यवाद
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