कतरा कतरा बिखरती जाती है
भरे बाजार में वासना भरी नजरो से जब लूटी जाती है
आहत मन अंधकार से भर जाता है महफिल में जब बेंची जाती है
कहते हैं ममता की मूरत है नारी
प्रेम का श्रंगार है नारी
सहनशीलता की देवी है
वेदो में पूजनीय है नारी
इतनी अनमोल होकर भी उसकी कीमत क्यों आंकी जाती है
जमाने के दस्तूरो का बोझ लादा जाता है
बुरी नजरो से बचने को हिजाब पहनने को कहा जाता है
रीति रिवाजो की जंजीरो में जकङी जाती है
पवित्रता साबित करने को अग्नि परीक्षा भी ली जाती है
दोष किसी का भी हो आंच मुझ पर ही आती है
जालिम जमाने में जीने की चाह खत्म सी होती जाती है
मेरे असीम अस्तित्व पर जब उंगली उठायी जाती है
दुनिया मे आने से पहले ही मेरे अस्तित्व पर खतरा मंडराता है
फिर इस दुनिया मे आने पर सोचो मेरा हाल…………….
मै चीखती हूँ मुझे जीने दो मेरी आवाज को दबाया जाता है
मासूम, बेबस, लाचार स्थिति को स्वीकार कर लेती है
छोटी सोच, शीलहीन लोगों द्वारा कोख में ही मारी जाती है।
-आस्था गंगवार
Really i get goosebumps while reading…so intense and heart touching..beautifully written
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Thank you
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sahi hai.
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बहुत अच्छा और सटीक लिखा हैं आपने.
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हां जी शुक्रिया
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अतुलनीय है अनुकरणीय है।नारी हर जगह पूजनीय है।दुर्गा है काली है।महिमा उसकी निराली है।माँ बन के वो जग को पाले।मित्र बने तो साथ निभाए।जब बढ़े जग में अत्याचार तो वही करे संघार।सच ही कहा है अतुलनीय है अनुकरणीय है।नारी हर जगह पूजनीय है।
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Bhut sunder
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Dhanyabad
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Excellent and very well written, thank for following my blog, nice to get in touch with your blog too, very inspirational and thought provoking.
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nice poetry with full of social awareness ,u has been successful to inter in a body of a small girl than you wrote very beautifully all the emotion of a small child as much as possible ,i think it is the peak of feeling that can be expressed by a poetry
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Fantastic poem! Loved it ☺️👍
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आस्था गंगवार जी बहुत ज़ज़्बाती हो आप दिल से लिखते हैं,वाकई बहुत उम्म्दा विचार प्रकट किए हैं आपने
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धन्यवाद
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स्वागत है आपका आस्था जी
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beshaq kafi acche se darsaya hai aapne naari ka swaroop, lekin mahilaon ka ek dusra swaroop v hai – meh nirday aur chritrahino ki baat kar rha hu, kyuki mene apne jiwan me kafi esi mahila ko jaana hai. umeed hai aapko bura na laga ho, agar laga ho toh maaf v kar dijiyega.
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सुंदर प्रयास
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धन्यवाद
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Outstanding & so firmly written on very crucial topic.One of the best among i read ever.👍👍👌
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Thank you
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Always pleasure reading you!! 🙂
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feels good to read your poem
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Heart touching… full of feelings.
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