तस्वीर को गौर से देखो तो लगता है बोलती है
अतीत का साया खुद में समेटे निःशब्द रहती है
आँखों ही आँखों में हजार बातें करती है
अनकहे पहलू समेटे बिल्कुल अंजानी लगती है
सैकङो रंग भरे है तस्वीर में फिर भी उदासी झलकती है
तस्वीर के हर रंग में खुद से जुङी निशानी दिखती है
जैसे किसी बीते कल के अफसाने को बयां करती है
देखकर लगता एेसे जैसे मेरी ही कोई कहानी कहती है।
-आस्था गंगवार
beautiful
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Thank you
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सच ही कहा है तस्वीर बोलती है nice
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Ha ji
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nice poetry
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Thank you
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Too good !😊
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Thank you
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😊😊😊
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बहुत खूब आस्था गंगवार जी
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तस्वीर बहुत कुछ बयान करती है,
सिर्फ देखने वाले की नजर होनी चाहिए
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बहोत खूब कहा
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Sukriya
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Follow karne ke liye shukriya…
M new so I don’t knw hw to use this..
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Your writing style and presentation both are awesome, liked your blog, glad to follow it.
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Thank you so much dear
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after a long time read something beautiful in hindi..nice poetry..
shreyans
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Thank you
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touch my heart
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आपने तो एक स्थिर सी तस्वीर को जीवित ही कर दिया| बहुत ही अच्छा वर्णन था यह| 🙂
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Thanks for reading 😃
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It was completely my pleasure! 🙂
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