मैं थी एक श्वेत कैनवास तुम चित्रकार बनकर आ गये बेरंग पङे थे तन्हा रंग तुम अपना छायाचित्र बना गये मैं पङी थी अधूरी कहीं जहाँ से तुम मुझको पूर्ण बना गये नजर तुम्हारी क्या पङी रंग नया जीवन पा गये भरकर रंगीले ख्वाब रंगों से उदासीन जीवन की काली छाया मिटा गये। – पढ़ना जारी रखें “मैं थी एक श्वेत कैनवास “
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हर डगर जगमगा गयी।
तेरे मिलने से मुझमे नजाकत आ गयी बिन वजह मुस्कुराने की आदत आ गयी बिन तेरे था अँधेरा राहो में मेरी तेरी चाहत से अब हर डगर जगमगा गयी। न थी कोई ख्वाहिश न दिल था आशिकाना थी भटकी हुई मुसाफिर पता न था है कहाँ मुझे जाना तेरे करीब आयी तो मंजिल करीब आपढ़ना जारी रखें “हर डगर जगमगा गयी। “
जब तुम मिलते हो।
जिन्दगी लगती है पहले से अलग साँसे चलती है कुछ ज्यादा धङकता है दिल हद से ज्यादा जब तुम मिलते हो। हवाओ में लगती है बात पहले से अलग समां भी होता है हसीन कुछ ज्यादा फिजा होती है रंगीन हद से ज्यादा जब तुम मिलते हो। लबो पर होती है मुस्कुराहटे पहले से अलग चेहरेपढ़ना जारी रखें “जब तुम मिलते हो। “
तुम मिले….,भूल गये
जिन्दगी में तुम्हारी चाहत की रोशनी हुयी हम अँधेरो से मिलना भूल गये तुम ही हो अब मेरी मंजिल का पता सूनी डगरो पर हम चलना भूल गये ढूँढती थी आंसमाँ में मोहब्बत का सितारा तुम जैसा चाँद मिला हम सितारो को निहारना भूल गये हिलोरे लेती थी मेरी कश्ती जिन्दगी के समुन्दर में तुमपढ़ना जारी रखें “तुम मिले….,भूल गये “
प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी
प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी जहाँ देखूं मोरा पिया नजर आए तेरे प्रीत की धानी चादर ओढे मेरी लम्बी रैना कट जाए साँस -साँस तेरा नाम पुकारे मोरा सांवरिया रोम -रोम में बस जाए भँवरा बन मन फिरे बाँबरा तेरी बगिया में प्रीत के सुमन खिलाए विस्मृत स्मृति की जब वर्षा होवे सुदूर गगनपढ़ना जारी रखें “प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी “
मैं प्रेम में पङी बाँबरी हूँ।
सागर से गहरा प्रेम हमारा शरद की चांदनी सा शीतल है हम दो फूल बन महकते है प्यार के इस सुन्दर उपवन में जन्मो जन्मो के साथी है साथ जिये है साथ मरे है हर जन्म में हम मिलते है एक नयी कहानी के अवतार में साथ प्रिये का एेसा है कि मन को भातापढ़ना जारी रखें “मैं प्रेम में पङी बाँबरी हूँ। “
चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ।
तेरा नाम लेकर मैं जीने लगी हूँ तेरे लिए ही संवरने लगी हूँ तेरे संग तपती धूप में भी चलने लगी हूँ चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ। तेरा साथ पाकर मैं बहकने लगी हूँ मेरी घनी जुल्फो को संवारा था तूने तेरी यादो में जुल्फो को संवारने लगी हूँ चलता है तूपढ़ना जारी रखें “चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ। “
बेजुबाँ नैनो को पढ न सको।
प्रीत न लगाना किसी से अगर प्रीत निभा न सको हाथ थामकर चलने की बात न करना किसी से अगर हाथ थामकर चल न सको वादा न करना किसी से अगर वादे पर अमल कर न सको हमराही बनने की बात न करना किसी से अगर सूनी राहो पर मिल न सको ओंठो की मुस्कानपढ़ना जारी रखें “बेजुबाँ नैनो को पढ न सको। “