Link is available here. If you like don’t forget to subscribe to connect with more poems in future 🌸🌸🌸
Tag Archives: #hindilovepoem #hindipoem #हिन्दी #हिन्दीकविता #aasthagangwar
मंजिलें क्षितिज की तरह होती हैं ।
मंजिल और आसान क्या मजाक हैमंजिलें क्षितिज की तरह होती हैजिनके होने का बस भ्रम होता हैमंजिल तक चलते चलते लगता हैकि बस चलते ही जा रहे हैमगर उस तक पहुंच नही रहे हैंज्यों ही लगता है कि पहुँच गयेत्यों ही मंजिल अपना रूप बदल लेती हैऔर जिंदगी धक्के मारकर कहती हैयह मंजिल नही हैंपढ़ना जारी रखें “मंजिलें क्षितिज की तरह होती हैं ।”
शब्द ,खामोशी
मेरे गूंगे शब्द
शून्य का रंग
तुम्हारे प्रेम मे रंगी
प्रकृति प्रेम
इस बार लौटकर मत जाना ।
तुम आओ तो इस बार लौट कर मत जाना। मन के बगीचे में हरियाली तुम्ही से खिले फूलों को फिर से नहीं है मुरझाना। तुम बिन हर एक क्षण है पतझड़ अकेले तुम बिन अब नहीं है एक पल बिताना। तुम आओ तो इस बार लौट कर मत जाना। तुम बिन हाल एेसा जैसे पानीपढ़ना जारी रखें “इस बार लौटकर मत जाना ।”
तुम्हारी मुस्कान हो मेरा जीवन हो।
जिस क्षण तुम मुझे स्वयं से अलग करो, वह मेरे जीवन का अन्तिम क्षण हो। न चाह रहे फिर कुछ पाने की, मृत्यु पार भी सिर्फ तुम ही तुम हो। विलग होकर तुमसे मिले अमरता, हँसकर वह भी मुझे अस्वीकार हो। या दे ईश्वर सारा जग मुझको तुम बिन, कोई स्वार्थ कभी न तुमसे बढ़करपढ़ना जारी रखें “तुम्हारी मुस्कान हो मेरा जीवन हो।”
न्याय पर प्रश्नचिह्न
मेरे अन्दर की लेखिका, मुझे जला रही है। कई बार बैठे हुए ,सोते हुए यूँ लगता है जैसे फिर कोई दामिनी, मुझे पुकार रही है। कहने को कुछ , कलम विवश हो जैसे । शब्द स्तब्ध है , सहमे हुए है ऐसे। कागज भी शर्मिंदा है , स्वयं पर आवरण ओढ़कर । न्याय क्यों मौनपढ़ना जारी रखें “न्याय पर प्रश्नचिह्न”