रातो को सोती हूँ तो तू याद आता है तन्हा मैं रोती हूँ वजह तू बन जाता है खामोशी में अक्सर दिल भर आता है तेरी यादो को मिटाने की कोशिश करती हूँ होता ही नहीं मुझसे एेसा कभी पास पाती हूँ उतना ही जितना दूर जाने की कोशिश करती हूँ ऐसा कोई जहाँन हैपढ़ना जारी रखें “रातो को सोती हूँ तो तू याद आता है। “
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दर्द का गहरा समुन्दर लिए फिरती हूँ।
दर्द का गहरा समुन्दर लिए फिरती हूँ आवारा दिल को समझाकर खामोश रखती हूँ चेहरे पर झूठी हंसी का नकाब ओढे रहती हूँ मैं जो नहीं वो दिखाने की कोशिश करती हूँ आँखें भी आँसुओ से भरी अब दुखती है रात के अँधेरे में अक्सर इसलिए रो लेती हूँ जहाँ सपनो की दुनिया को चांदपढ़ना जारी रखें “दर्द का गहरा समुन्दर लिए फिरती हूँ। “
बैठी थी मैं उस किनारे रात का था साया।
बैठी थी मैं उस किनारे रात का था साया आज चांद को देखा तो फिर से तू याद आया तेरा ऐहसास मेरे जज्बात दिल में है सब छुपाया सितारो की महफिल में तलाशा तुझको फिर भी तू न मिल पाया कह के तो जाता जान ए बफा तू ही था मेरा हमसाया तेरे न होनेपढ़ना जारी रखें “बैठी थी मैं उस किनारे रात का था साया। “
किसी से प्यार बेइंतहा बेेशुमार किया था।
किसी से प्यार बेइंतहा बेेशुमार किया था उस शख्स पर अपनी जान को निसार किया था वो एहसास जो उसके साथ होने पर था उस पर तहे दिल से ऐतबार किया था उन दिनो जिन्दगी के हर एक पल में उसको अपनी धङकनो में शामिल किया था किसी से प्यार बेइंतहा बेेशुमार किया था मैंनेपढ़ना जारी रखें “किसी से प्यार बेइंतहा बेेशुमार किया था। “