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Category Archives: Hindi thoughts
जिंदगी और लोग ।
अगर मैं एक तरफ सबको रखूँ और एक तरफ जिंदगी को और मुझसे पूछा जाये कि वो कौन होगा जिससे तुम्हें सबक मिला और सफर पर एक कदम और आगे बढ़ाने का हौसला मिला तो मैं जबाब में जिंदगी कहूँगी क्योंकि मेरे लिये निर्णयों में लोग कम शामिल रहे जिंदगी से मिला तजुरबा ज्यादा शामिलपढ़ना जारी रखें “जिंदगी और लोग ।”
मेरे गूंगे शब्द
शून्य का रंग
छुईमुईरूपी प्रेम बंधन
प्रेम की डोरी से बँधा रिश्ता छुईमुई के पौधे के समान है जिसे छूने भर से वह मुरझा जाता है परन्तु कुछ समय बाद पुनः खिल उठता है। ठीक वैसे ही क्षण भर की नोंक-झोंक के स्पर्श मात्र से मन मुरझा जाता है और हजारों नकारात्मक विचार हृदयों के बीच एक बर्फ का पहाड़ खड़ापढ़ना जारी रखें “छुईमुईरूपी प्रेम बंधन”
जीवन का अंतिम क्षण।
जीवन का अंतिम क्षण भी तुम्हारे नाम लिखती हूँ अपनी कविता के शब्दों से प्रेम में प्राण भरती हूँ तुम कहते हो कविता का साधन तुमको बनाया है प्रियवर नहीं जानते हो तुम तुम्हारी साधना करती हूँ। -आस्था गंगवार ©
माँ
मेरी माँ प्यार तो बहुत करती है मुझसे, पर जताया कभी नहीं। जैसे आँचल में छुपाकर माँऐें लोरी सुनाती है, वैसे सुनाया कभी नहीं। –आस्था गंगवार ©
परिवर्तन
परिवर्तन प्रकृति का नियम है… समाज बदलता है चेहरे बदलते हैं… मगर एक मानसिकता नहीं बदलती… इस तरह की परंपराओं, रीति-रिवाजों के चक्रव्यूह के साथ हमारी परवरिश होती है कि हम चाहकर भी इससे बाहर नहीं आ सकते। – आस्था गंगवार ©
वास्तविकता
वास्तविकता को सुनने, पढ़ने, कहने, लिखने से लोग मृत्यु से भी ज्यादा डरते हैं और डर को स्वीकार करना मुझे लगता है इस संसार का सबसे कठिन कार्य है। -आस्था गंगवार ©
स्वार्थ
इस दुनिया में आजकल गम भी लोग अपना स्वार्थ देखकर बांटते हैं। -आस्था गंगवार ©