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Category Archives: Hindi sad poem
जो चोट खाकर बैठे है।
जो चोट खाकर बैठे है वो शायर बन बैठे है टूटे दिल के सारे टुकड़े अल्फाजो से जोड़ बैठे है हाल ए दिल जमाने में सुनाने और जाये कहां कोरे पन्नो के सिवा सब मशरूफ बैठे है कोई मशगूल है खुद में कोई किस्मत का मारा है एक टूटा दिल लेकर के फिरता है तोपढ़ना जारी रखें “जो चोट खाकर बैठे है। “
तू रूठा तो लगा।
तू रूठा तो लगा, जिन्दगी की शाम हो गयी। ठहर गये लब्ज जुबां पर ही, खामोशी इन होंठों की गुलाम हो गयी। सूखी थी आँखों की बंजर जमीं, बिन मौसम ही आँसुओ की बरसात हो गयी। दिल की धड़कनें भी थी खफा, बरसा हो कहर ऐसी कयामत की रात हो गयी। -आस्था गंगवारपढ़ना जारी रखें “तू रूठा तो लगा। “
मंजिल दूर, मुकाम अधूरा।
मंजिल भी दूर थी, मुकाम भी अधूरा था। जिन्दगी की राह में, गम के बादलो का घेरा था। दिल भी टूटा बिखरा हुआ, और बिल्कुल अकेला था। जिंदा हूँ इसी से जमाना, मुझे देख हैरत में था। जीने की रोशनी पर, कोहरे की धुंध का पहरा था। मुरझा गये थे जिन्दगी के फूल, सूरज भीपढ़ना जारी रखें “मंजिल दूर, मुकाम अधूरा। “
पल पल मेरा दिल घबराता है।
पल पल मेरा दिल घबराता है ऐसे हाल में अब जिया नहीं जाता है कैद हूँ पंछी सी पिंजङे में ऐसे आशियाने में अब रहा नहीं जाता है पल पल मेरा दिल घबराता है। अपनी भावनाओ को व्यक्त नहीं कर पा रही दुनियादारी से बेगानी होती जा रही कोई अपना बिन समझे ही चला जातापढ़ना जारी रखें “पल पल मेरा दिल घबराता है। “