अगर मैं एक तरफ सबको रखूँ और एक तरफ जिंदगी को और मुझसे पूछा जाये कि वो कौन होगा जिससे तुम्हें सबक मिला और सफर पर एक कदम और आगे बढ़ाने का हौसला मिला तो मैं जबाब में जिंदगी कहूँगी क्योंकि मेरे लिये निर्णयों में लोग कम शामिल रहे जिंदगी से मिला तजुरबा ज्यादा शामिल रहा । मैंने जो गलत निर्णय लिये क्या असल में वो गलत थे, मेरा मानना है नहीं क्योंकि केवल वही निर्णय जिंदगी में सही निर्णय रहे । ऐसा हर निर्णय जिसके परिणाम से मुझे लगा मैं एक कदम पीछे धकेल दी गयी हूँ असल में वही निर्णय मेरे आगे बढ़ने का सबब बना तो हर गलत निर्णय गलत नहीं होता क्योकिं असफलता अपने साथ अगर बहुत कुछ ले जाती है तो बदले में बहुत कुछ दे भी जाती है । असफलता और सफलता के बीच सीढ़ी भर का फासला है और यह सीढ़ी कोई पहला कदम उठाकर ही चढ़ जाता है किसी को बार बार गिरकर उठने पर मिलती है । जीवन से बड़ा शिक्षक शायद कोई नहीं क्योकिं जो जीने का ढ़ग नहीं सीखना चाहता उसको भी कैसे सिखाना है यह मनुष्य की परिधि से बाहर है ।
Written by Astha gangwar .
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बेहद उम्दा पंक्तियाँ👌👌👌👌💕
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शुक्रिया रीना जी 🌸🌸🌸🌸
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Nice.
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🌸🌸🌸🌸🌸
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