मेरे अन्दर की लेखिका,
मुझे जला रही है।
कई बार बैठे हुए ,सोते हुए
यूँ लगता है
जैसे फिर कोई दामिनी,
मुझे पुकार रही है।
कहने को कुछ ,
कलम विवश हो जैसे ।
शब्द स्तब्ध है ,
सहमे हुए है ऐसे।
कागज भी शर्मिंदा है ,
स्वयं पर आवरण ओढ़कर ।
न्याय क्यों मौन है अब भी,
पापियों का नंगापन देखकर।
कृत्य घिनौने करते समय,
क्यों अधर्मी ईश्वर से नहीं डरते।
आत्मा को कलंकित करते समय,
मंदिर परिसर को भी नहीं छोङ़ते।
राजनीति के नाम पर न जाने कितनी असीफा की,
हर दिन बलि चढ़ती रहेगी ।
कब तक समाज तमाशा देखेगा,
कब तक अदालत बलात्कारियों को बरी करती रहेगी।
देश में हमारे न्याय पर ही ,
बङ़ा प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है ।
क्यों कह रही हूं ऐसा?
क्योंकि बेटी के लिए आवाज उठाने वाले पिता का थाने में कत्ल हुआ है।
कवियित्री -आस्था गंगवार
Excellent!
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Thank you very much
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पर यहाँ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। इस केस में कई नई परतें खुलती जा रही। मसलन जब तक पूरी तरह से जाँच न हो जाये सीबीआई द्वारा तब तक रेप और मंदिर को शामिल करना सही नहीं रहेगा
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क्या सर्फ यही केस है? और वैसे भी 2 लड़कियों के लिए शहर जंगल से कम नहीं जहां शिकार करने के लिए भेड़िये खुलेआम घूमते हैं। उनको वाकई इस बात से फर्क पड़ता है कि कौन सी जगह है? मंदिर में क्या दूध के धुले लोग रहते हैं जो ऐसा नहीं कर सकते… धर्म के नाम पर क्या क्या होता है इस देश में सब जानते हैं
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अब तो दोबारा अप्रैल आ गयी क्या हुआ सी. बी. आई. जांच का?
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जाँच सीबीआई को सौंपने का जिम्मा राज्य सरकार का होता, जम्मू की सरकार ने नहीं सौंपी। और साथ के साथ कुछ बातें और भी जो मैं कहना चाहता हूँ,
“जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है”. भारत में हिन्दुओं और उनके धार्मिक प्रतिष्ठान किस तरह कुत्सित प्रचार का शिकार हो रहे शायद आपको इसका भान न हो, पर मुझे है और इसलिए मैं ऐसी किसी भी घटना को पहले शक की नज़र से ज्यादा देखता हूँ।
हमारे हिन्दू धर्म मे कोई कितना भी गिरा इंसान क्यों न हो मंदिर में ऐसा काम करने से पहले दसियों बार सोचेगा, और इस घटना के बाद तो पूरे के पूरे हिंदुओं को कठघरे में खड़ा किया गया,
अभी दो दिन पहले 2 हिन्दू बहनों का जो कि 12 साल की थी और 14 साल की बंदूक के नोक पे उनको अगवा किया गया उनका बलात्कार हुआ धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर शादी, मुझे इन्तेजार रहेगा कि हमारे सेक्यूलर जमात के लेखक कितना इस बारे में लिखते है। वे कभी नहीं लिखेंगे। हिन्दू और हिन्दू धार्मिक प्रतिष्ठानों को बदनाम करने की बहुत गंदी साज़िश इस देश मे चल रही है, जिस से हम बहुत भलो भांति वाकिफ हैं और जरूरी है कि बांकी भी जितना जल्दी हो जाएं उतना ही अच्छा रहेगा
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Yes you are cent% true & your way of expression is also fabulous. I have written a post on same matter. Please check & follow. Also give your opinion.
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जिन्स पहनने से रेप हुआ
अब हिजाब वालों को भी नहीं छोड़ा
रात को बाहर जाने से रेप हुआ
अब तो घर के अंदर वालों को भी नहीं छोड़ा
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