जीवन का अंतिम क्षण भी तुम्हारे नाम लिखती हूँ
अपनी कविता के शब्दों से प्रेम में प्राण भरती हूँ
तुम कहते हो कविता का साधन तुमको बनाया है
प्रियवर नहीं जानते हो तुम तुम्हारी साधना करती हूँ।
-आस्था गंगवार ©
KUCH RANG ZINDAGI KE With astha gangwar
भावनाओ और अनुभवो की माला को शब्दो के मोती से पिरोती हूँ, जिन्दगी के कुछ पन्नो को कागज पर उकेर देती हूँ।कुछ बातें जिन्हें कह नहीं सकती उन्हें एक नया रूप देती हूँ, ऐसी ही किसी गहरी सोच के साथ एक नयी कविता लिख देती हूँ।
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निःशब्द
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धन्यवाद 🙏
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nice…
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