प्रियवर, आओ…. 

प्रियवर, आओ सुलझाये मसला 

नहीं करते है ऐसे झगङा 

तुम हमसे हो रूठ के बैठे 

हम तुमको, तुम हमको मनाओ थोङा। 


अभी -अभी प्यार की बरसात हुयी थी 

फिर किस बात पर अपनी तकरार हुयी थी 

यूं न जाओ मुँह फेर कर हमसे 

हम ठहरे कुछ, तुम भी ठहरो थोङा। 


हमारे प्यार के दो मीठे बोल सुनकर 

माफ भी कर दो सब रगङा भूलकर 

आ जाओ करीब मेरे तुम 

हम झुक जाये कुछ, तुम भी झुक जाओ थोङा। 

     -आस्था गंगवार © 

Astha gangwar द्वारा प्रकाशित

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10 विचार “प्रियवर, आओ…. &rdquo पर;

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