एक नयी कविता 

भावनाओ और अनुभवो की माला को 

शब्दो के मोती से पिरोती हूँ 

जिन्दगी के कुछ पन्नो को 

कागज पर उकेर देती हूँ 

कुछ बातें जिन्हे कह नहीं सकती 

उन्हें एक नया रूप देती हूँ 

ऐसे बहुत से बिनकहे एहसास है 

जिन्हे समझने की कोशिश करती हूँ 

ऐसी ही किसी गहरी सोच के साथ 

एक नयी कविता लिख देती हूँ। 


किसी के दर्द के सागर में खोकर 

उसकी गहराई को महसूस करती हूँ 

किसी की खिलखिलाती हंसी को देखकर 

ह्दय के अन्तर में संजो लेती हूँ 

दूसरो के जीवन के पलो की कल्पनाओ के साथ 

ऐसी ही अनोखी पंक्तियां बनाकर 

एक नयी कविता लिख देती हूँ। 

        -आस्था गंगवार 

Astha gangwar द्वारा प्रकाशित

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