तेरी यादो के लिफाफे खोल रही हूँ
एहसासो को शब्द देकर कागज पर उकेर रही हूँ
तेरी चाहत के नशे में खो रही हूँ
कलम में मोहब्बत की स्याही भरकर बस तुझे लिख रही हूँ।
तेरे इश्क में खोयी दीवानी हो रही हूँ
करके तेरा दीदार और खूबसूरत हो रही हूँ
तुझे हसीन आदत बनाकर हर पल अब जी रही हूँ
कलम में मोहब्बत की स्याही भरकर बस तुझे लिख रही हूँ।
सारे जहाँ के सामने अपनी चाहत बयाँ कर रही हूँ
तुझे अल्फाज बनाकर महफूज कर रही हूँ
संजोकर शब्दो में तुझे इन पन्नो की तकदीर संवार रही हूँ
कलम में मोहब्बत की स्याही भरकर बस तुझे लिख रही हूँ।
-आस्था गंगवार
Very well written. Superb 👌
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You write beautifully…!!
Congratulations!
I have nominated your blog for the “The Versatile Blogger Award”
There is no compulsion to accept it.
More about this nomination is at
https://atrangizindagieksafar.wordpress.com/2016/10/24/the-second-versatile-blogger-award/
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आपका पत्र मिला अच्छा लगा, सुन्दर रचना
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बहुत खूब आस्था जी
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धन्यवाद 😊
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स्वागत है आपका. आस्था जी
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लाजवाब
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धन्यवाद
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Aise hi likhte rahiye…kavitri priye astha gangwar ji…
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