सपनो की दुनिया से बाहर निकल के
पथरीली राहो पर तू दिखा चल के
जमाना बैठा है कांटो का जाल बिछाके
पार जाना है तुझको साहस और शौर्य दिखाके
मंजिल मिलती नहीं बिना ठोकरे खाके
परिश्रम की तलवार उठाके
हौसलो की उङान भरके
तू अपना लक्ष्य दिखा पाके
अपने आलोचको का मुँह बन्द करके
नई सफलता की कहानी लिखके
अपने माता पिता का नाम रोशन करके
अनमोल जीवन की सार्थकता प्रकट करके
इस दुनिया से फिर विदा हो हंसते हंसते।
-आस्था गंगवार
Wow! Its really motivational .
I loved it , keep writting 🙂
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Thank you 😊
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nice linessssss………….
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Thanks
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beautiful and deep Inspirable thoughts….well written …shivi…
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Thank you so much 😊
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aap acha likhti hain.. aur mere posts ko like karne ke liye shukriya
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Dhanyabad 😃
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A Beautiful and an Inspirational Poem
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🙂
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आस्था जी बहुत खूब,
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शुक्रिया 😊
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आस्था जी स्वागत है आपका
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Bahot hi achi hei😄
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Sukriya 😊
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