जिन्दगी की राह अब मुश्किल लगती है। 

जिन्दगी की राह अब मुश्किल लगती है 

हर मुकाम पर अपनी आजमाइश दिखती   है 

क्या पाया क्या खोया कुछ खबर नहीं 

उम्र हर पल बस घटती ही दिखती है 

बीते हुए पलो में खुद को बेहतर साबित न कर पाने मलाल है 

आज भी अपनी भरी मुठ्ठियां मुझे खाली ही लगती है 

जीवन के सफर में अभी ज्यादा दूर नहीं पहुंची 

लोग कहते हैं बातें बहुत गहरी लिखती है 

अपने सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखती 

दूसरो से नाउम्मीद होना तकलीफ तो मुझे ही देती है 

जिन्दगी की राह अब मुश्किल लगती है। 

आस्था गंगवार 

Astha gangwar द्वारा प्रकाशित

its me astha gangwar . I m founder of this blog. I love to write poems... I m a student of msc to chemical science.... read my poems on facebook - https://www.facebook.com/asthagangwarpoetries/ follow me on - I'm on Instagram as @aastha_gangwar_writing_soul

21 विचार “जिन्दगी की राह अब मुश्किल लगती है। &rdquo पर;

  1. बहुत खूब लिखा है आस्था जी आपने,
    पर ज़िंदगी में हर खुशी नसीब नहीं होती?फिर भी जीना पढ़ता है,
    अपनों के लिए किसी के लिए ?

    ‘मनचाहा गर हर किसी को मिल जाए,
    तो दर्द की पहचान कैसे होगी.!
    इसी का नाम है ज़िंदगी ‘सागर’ जानले,
    फिर हर जगह बस खुशी दिखेगी.!!’

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