जिन्दगी की राह अब मुश्किल लगती है
हर मुकाम पर अपनी आजमाइश दिखती है
क्या पाया क्या खोया कुछ खबर नहीं
उम्र हर पल बस घटती ही दिखती है
बीते हुए पलो में खुद को बेहतर साबित न कर पाने मलाल है
आज भी अपनी भरी मुठ्ठियां मुझे खाली ही लगती है
जीवन के सफर में अभी ज्यादा दूर नहीं पहुंची
लोग कहते हैं बातें बहुत गहरी लिखती है
अपने सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखती
दूसरो से नाउम्मीद होना तकलीफ तो मुझे ही देती है
जिन्दगी की राह अब मुश्किल लगती है।
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आस्था गंगवार
बहुत खूब लिखा आपने। जिंदगी कुछ ऐसी हीं पहेली है। कभी हँसाती है। कभी रुलाती है।
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Sukriya 😊
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बहुत खूब लिखा है आस्था जी आपने,
पर ज़िंदगी में हर खुशी नसीब नहीं होती?फिर भी जीना पढ़ता है,
अपनों के लिए किसी के लिए ?
‘मनचाहा गर हर किसी को मिल जाए,
तो दर्द की पहचान कैसे होगी.!
इसी का नाम है ज़िंदगी ‘सागर’ जानले,
फिर हर जगह बस खुशी दिखेगी.!!’
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😊😊sahi kaha apne
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Shukriya Aastha ji,But Aapne Really Bahut Khub Likha hai.
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बहुत धन्यवाद आपका 😊
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स्वागत है आपका आस्था जी!
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Too good indeed
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Ye ladki bahut khub leekhti hai 😊
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😀sukriya
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😊😊😊
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zindagi dekhne ka nazariya mushkil ho,
to khwab dekhna bhi asaan nhi.
sapno ka kya hai aate jaate rehte hai,
par unhe pura karne ki drin khwaish ho,
to har kamzori bhi khubsurat lagti hai!
amazing poetries written by you!! loved them all!!
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Thank you so much dear 😊
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yer welcome!
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Beautiful pic..and a beautiful poem
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Thank you
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Amazing
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Thank you
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Welcome
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हर एक शब्द सुंदर
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बहुत धन्यवाद आपका
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