तेरा नाम लेकर मैं जीने लगी हूँ
तेरे लिए ही संवरने लगी हूँ
तेरे संग तपती धूप में भी चलने लगी हूँ
चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ।
तेरा साथ पाकर मैं बहकने लगी हूँ
मेरी घनी जुल्फो को संवारा था तूने
तेरी यादो में जुल्फो को संवारने लगी हूँ
चलता है तू संग हमराही बनके
जहाँ तू जाये छाया बनके साथ आने लगी हूँ
चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ।
तेरे साथ जीने के सपने बुनने लगी हूँ
रब से दुआओ में तुझे मांगने लगी हूँ
हर पल हर लम्हा तुझमें खोने लगी हूँ
अपनी जिन्दगी की किताब में तेरी यादो को सहजने लगी हूँ
चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ।
तेरी आँखों में मेरी, मेरी आँखों में तेरी तस्वीर बनाने लगी हूँ
तेरी किस्मत की लकीरे मेरी लकीरो से मिलाने लगी हूँ
दुनिया की परवाह किये वगैर तेरा हाथ थामकर चलने लगी हूँ
चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ।
दूर होकर भी तुझसे हर रोज ख्वाबो में मिलने लगी हूँ
बिन कुछ कहे बिन कुछ सुने सारी बातें करने लगी हूँ
तेरी राहो पर अपना आंचल बिछाने लगी हूँ
चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ।
चुप रहकर खामोशी से तुझे पुकारने लगी हूँ
तेरी बेजुबाँ आँखों से दिल का हाल पढने लगी हूँ
तेरे नाम संग अपना नाम जोङने लगी हूँ
चाहत में तेरी दीवानी मैं बनने लगी हूँ।
-आस्था गंगवार
बहुत सुन्दर
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धन्यवाद
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good but translate it plzz .
http://www.alabarakah.wordpress.com
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बहुत ही उम्दा!!☺👍
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बहुत आभार आपका
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क्या बात है बहुत उम्दा आस्था जी
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धन्यवाद
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Welcome Astha ji.
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Reblogged this on poem by heart.
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Aap sach mein bahot achcha likhti hain 🙂 main asaani se khud ko connect kar leti hun in words se 🙂
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Thank you so much
Mujhe ye sunkr khusi hui…… 🙂
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