किसी रोते हुए को हँसना सिखाती
तो जीने का मजा कुछ और होता
किसी प्यासे राहगीर के लिए पानी का कुआं बन जाती
तो खुद पर गुरूर कुछ और होता
दर्द से कराहते रोगी के लिए दवा बन जाती
तो जीवन का अर्थ कुछ और होता
चिङियों की तरह बेबजह फुदफुदाती
तो खुशियो का रंग कुछ और होता
आंसमाँ को उम्मीद से हर रोज न निहारती
तो इस दिल का सुकून कुछ और होता
ओस की बूंदे घास पर हर रोज न पङती
तो खूबसूरत घास का अस्तित्व कुछ और होता
कृष्ण और सुदामा की दोस्ती जैसे किस्से न होते
तो दोस्ती का मायना कुछ और होता
ईश्वर के दिये अनमोल जीवन को सार्थक कर पाती
तो मुझसे मेरा नाता कुछ और होता।
–आस्था गंगवार
Very nice , beautiful, awesome…..
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Thank you so much
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Kya khub farmaya hai😀
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Thank you
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good poem
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बहुत ही सुन्दर दिल को छू गयी।
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Such a lovely heartwarming poem! Cheers 💕
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nice poem yaar
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That’s Great One Aastha ji.
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Thank you so much
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Ur Welcome Asthaji.
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very nice
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Thank you
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वाह !!! बहुत खूब.
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धन्यवाद
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