मैं टूटी हूँ मैं बिखरी हूँ
अपना साथ देकर मुझे संवार जा
न हुआ कर मुझसे खफा
मेरी डूबती नैया का मांझी बन जा
खो गयी है मेरी मुस्कुराहटे
मेरा हमराही बनकर मेरी खुशी बन जा
वादा किया है न रोने का
अब तू खुद मेरी आँख का आंसू बनके न आ
उदासी में कहती हूँ अब है मुझे जाना
पलट के कह दे एक बार थोङा ठहर जा।
–आस्था गंगवार
काश ये वक़्त थम सा जाता,
कुछ इस तरह दो पल और उनका साथ निभाता
पसंद करेंपसंद करें
काश सपनो को पाने की चाहत न होती,
अपनो का कारवां पीछे न रह जाता
काश वक्त पर हुकुमत कर पाते,
तो बीते पलो को फिर से ये दोहराता…
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
जिंदगी में सपनो की उड़ान करो या ना करो
बस इतना ख्याल रखना कोई अपना इस उड़ान में पीछे न रह जाये
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
इस जालिम जमाने में अपना कौन है समझना मुश्किल है,
सपनो से मोहब्बत ही बेहतर है दगा नहीं देगे
पसंद करेंLiked by 2 लोग
वो मोहब्बत ही क्या जिसमे इंसान खुली आँखों से सपने न देखे
पसंद करेंपसंद करें
मोहब्बत के सपने देखने को दिन और रात भी भूल जाएं
आँख खोले या बंद करे सिर्फ वही नजर आये
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
आँखे खुली हो या हो बंध
दीदार उनका होता है,
कैसे कहु में के यारा ये प्यार कैसे होता है
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
सपनो में आने वाले मीठे ख्वाब की तरह
आँखों को बन्ध करके सो जाते है…. शुभ रात्रि
पसंद करेंपसंद करें
Good Night 😃
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
बस यही दो मसले पुरे ना हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुक्कमल हुए
पसंद करेंपसंद करें
प्यार करना बहुत अच्छा है
बुरा है तो सिर्फ एक इंसान से प्यार करके
पूरी दुनिया को भुला देना…..
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
tu apne ansoon me kuch es kadar kho gyi hai……
meri tasveer ab tujhe jate huye dikh rahi hain…
tu ponch apne asuon ko fir dekh palat kar…
kahin gya hi nhi tha diwana tere pass khada hain
tu utha to sahi nazar fir se apni julfain hata kar,
bulate huye tujhe wahon me diwana kuch ro sa rha hai…
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
साथ हूँ मै तेरे तुझे टूटने नहीं दूंगा।
लगाऊंगा सीने से तुझसे बिखरने नही दूंगा।
मै खफा नही होता तुझसे ए मेरे हमदम ,
तेरे खावों में आकर जरा सा शांत हो जाता हूँ।
बह रही है नाव तेरी प्रेम की नदी में ,
डुवाता नही हूँ इसे बस प्यार की हिलोरें ले आता हूँ।
कहीं नही गयीं खुशियां तेरी पास मेरे हैं।
तेरा हमराही हूँ तेरी तन्हाईयाँ पास मेरे है।
मै लुढकता ही नही तेरे गालों से ए हमसफ़र ,
मुश्कान बन के आना चाहता हूँ तेरे चहरे पे हमसफ़र।
तेरे इश्क़ में पागल मै इतना हो सा गया था।
तेरे शब्दों को दिल से लेकर पालन करना चाहता था।
तू अपने आंसू में इस कदर खो गयी है।
मेरी तस्वीर तुझे जाते हुए दिख रही है।
आ पौंछ दू आंसू को फिर देख पलटकर ,
कहीं गया ही नही था दीवाना तेरे पास खड़ा है।
तू उठा तो सही नज़र फिर से अपनी जुल्फें हटा कर ,
बुलाते हुए तूझे वाहों में दीवाना कुछ रो सा रहा है
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
वाह बहुत खूब आस्था जी
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Sukriya
पसंद करेंपसंद करें
Swagat hai Aapka Mohtarma Aastha ji.
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Reblogged this on poem by heart.
पसंद करेंपसंद करें