रातो को सोती हूँ तो तू याद आता है
तन्हा मैं रोती हूँ वजह तू बन जाता है
खामोशी में अक्सर दिल भर आता है
तेरी यादो को मिटाने की कोशिश करती हूँ
होता ही नहीं मुझसे एेसा कभी
पास पाती हूँ उतना ही जितना दूर जाने की कोशिश करती हूँ
ऐसा कोई जहाँन है जहाँ याद न आती हो
अपने गमो को भुलाने की दवा मिल जाती हो
गैरो का ख्याल अपनो से ज्यादा रखा जाता हो
दिल के साथ साजिशे न होती हो
ऐसा हाल है मेरा किसी से कहा नहीं जाता है
तन्हा मैं रोती हूँ वजह तू बन जाता है।
-आस्था गंगवार
It’s awesome 🙂 🙂
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Thank you dear
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hindi bhasa ko lupt hone se bacchane mein aapka sanyog bahut kaam aayega , ese hi dil se likhte 🙂 english buri ni h , lekin apni si ni lgti 🙂
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Bhut bhut dhanyabad
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nice poetry
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Thank you
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Very very simple words but very deep on emotional level.
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Yes u catch it 😛
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Would love to explore rest of your poems too !😊
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Beautiful and sublime 🙂
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😊😊
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awesm
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