तुझे याद कर तारो भरे आंसमाँ को निहारूं मैं
खुशी से मांग ले तू अगर जान भी तुझपे बारूं मैं
मोहब्बत के इस गुलशन में रात ऐसे बिताऊं मैं
तेरी बांहो के घेरे में सिर्फ रहना चाहूं मैं
चांदनी रातो में तेरे मेरे नैनो की कहानी सुनाऊं मैं
तेरी चाहत के साये में टूटकर बिखर जाऊं मैं
मुकद्दर से लङकर तुझे अपना बनाऊं मैं
प्यार के सागर मे तेरे साथ डूब जाऊं मैं
तन्हायी मे तेरे मेरे प्यार के नगमें गाऊं मैं
दिन की रोशनी मे तेरी परछाई बनके आ जाऊं मैं
तुझसे दूर होने पर बादल बन उङ आंऊ मैं
तेरी उल्फत मे इतनी दीवानी हो जाऊं मैं
देखूं अपना अख्स और तुझको पा जाऊं मैं।
-आस्था गंगवार
मुक़्क़दर से लड़ कर … बहुत ख़ूब .. बेहतरीन
पसंद करेंपसंद करें
Sukriya
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Awesome…. Beautiful…
Loved all ur poetries…from the bottom of my heart .
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Thank you wo much
पसंद करेंपसंद करें
Reblogged this on poem by heart.
पसंद करेंपसंद करें
Wah, bahot khoobsurti se likha hain aapne ❤
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Bhut sukriya apka
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Shukriya aapka, is kavita ko likhne ke liye 🙂 bahot khoobsurat hain!
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
आपका बहुत आभार
और धन्यवाद की आपने मेरी रचना को पढने हेतु अपना बहुमूल्य समय दिया 🙂
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति