कैसे कहूं माँ मेरी सब कुछ हो तुम
कैसे बताऊं माँ मेरी शान हो तुम
गम में जो खुशी बने वो एहसास हो तुम
निराशा में जो आशा बने वो हौसला हो तुम
देर से घर जो कभी आऊं तो फिक्र हो तुम
रूठ जाऊं गुस्से मे कभी तो जो मनाए वो हो तुम
जिन्दगी की राह में कामयाबी की वजह हो तुम
मेरे ओंठो की हंसी मुस्कुराहट हो तुम
कैसे कहूं माँ मेरी सब कुछ हो तुम
गलती करूं तो सही गलत का फर्क बताती हो तुम
दोबारा न करूं ऐसा सबक सिखाती हो तुम
हर मुश्किल राह पर चलने का हुनर बतलाती हो तुम
हंस के सह जाऊं सब गम ऐसे साथ निभाती हो तुम
अँधेरे में भी रोशनी बनके आ जाती हो तुम
कैसे कहूं माँ मेरी सब कुछ हो तुम।
-आस्था गंगवार
Thank God atleast a happy post , otherwise i was about to leave thank you mommy , u made us smile .. Warna ab meine socha hi tha aur rone ka nai ..
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Hehehe :):)
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उम्दा
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Sukriya
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nice
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