मेरा भी एक बङा सा परिवार होता
और उसमे ढेर सारा प्यार होता
एक दूसरे का सब ख्याल रखते
काश मेरा ये सपना साकार होता
हम करते ही रह गये ऐसी कल्पनाएं
पर खुदा ने न सुनी मेरी खताएं
काश मेरी खताएं खुदा-ए-मंजूर होती
और मेरी कल्पनाओ ने नई उङान भरी होती
पर मेरी ये तमन्ना पूरी न हो सकी
क्योंकि सपनो का कोई संसार नहीं होता
काश, काश मेरा ये सपना साकार होता।
-आस्था गंगवार
Aastha….
I hope tumhari yeh wish God jaldi puri kre…
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Aastha…
So nice….
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