जिन्दगी को मै तलाश रही हूँ एक हसीन ख्वाब की तरह
जिन्दगी को मै समझ रही हूँ एक एहसास की तरह
जिन्दगी तो रखती है हमेशा दो पहलू एक सिक्के की तरह
जिन्दगी तो मांगती है इंसाफ रात मे देखे गये ख्वाब की तरह
जिन्दगी तो करती है अक्सर हसीन सितम पर कुछ अधूरे सपनो की तरह
जिन्दगी तो है बहता पानी बयां किये गये कुछ अल्फाज की तरह
जिन्दगी तो अक्सर खफा भी होती है झपकती हुई आँख की तरह
जिन्दगी तो है दो पल का कारवाँ जी लो इसे अपने अन्दाज की तरह
जिन्दगी तो है एक सोच बना दो इसे रोते हुए बच्चे की मुस्कान की तरह
जिन्दगी तो है खुली किताब समझ लो इसे आयने की तरह
जिन्दगी से मुँह ना मोङो दोस्तो निभा लो इसे दोस्ती की तरह।
-आस्था गंगवार
So nice aastha…..
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